मुट्ठी भर वक़्त
कुछ पंख यादों के
बटोर कर बाँध लिए थे
रात की चादर में मैंने।
"मुट्ठी भर -"
- मीना चोपड़ा की रचना (view on Google Sidewiki)
मुट्ठी भर वक़्त
कुछ पंख यादों के
बटोर कर बाँध लिए थे
रात की चादर में मैंने।
"मुट्ठी भर -"
- मीना चोपड़ा की रचना (view on Google Sidewiki)
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